Special Pages

Saturday, 11 April 2015

अयतुल्लाह खमेनई: मुल्क के वकार की हिफज़त करने वाली डील का समर्थन

अयतुल्लाह खमेनई: मुल्क के वकार की हिफज़त करने वाली डील का समर्थन

इस्लामी इंक़ेलाब के बुज़ुर्ग नेता ने ईरानी मुल्क के वक़ार की हिफाज़त करने वाली डील का सौ फ़ीसद समर्थन करने की बात कही है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने पैग़म्बरे इस्लाम की बेटी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के मुबारक विलादत के दिन की बधाई देते हुए पैग़म्बरे इस्लाम की आल से मुहब्बत रखने वाले शायरों, ओलमा और लोगों के एक समूह से मुलाक़ात में परमाणु डील और यमन के हालात के संबंध में महत्वपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने कहा कि हालिया परमाणु वार्ता के संबंध में उनकी ओर से कोई दृष्टिकोण व्यक्त न किए जाने का कारण यह है कि देश के अधिकारियों और परमाणु अधिकारियों ने कहा है कि वार्ता के इस चरण में दोनों पक्षों के बीच ऐसी कोई सहमति नहीं हुई जिस पर अमल करना अनिवार्य हो। वरिष्ठ नेता ने कहा अब तक जो कुछ हुआ है वह न तो डील है और न ही वार्ता के डील पर ख़त्म होने और डील की विषय वस्तु की गैरंटी देता है इसलिए बधाई का कोई अर्थ नहीं है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने इसी प्रकार सामने वाले पक्ष को विश्व समुदाय बताए जाने पर आधारित कुछ दृष्टिकोणों पर शिकवा करते हुए कहा कि ईरानी राष्ट्र के मुक़ाबले में वचन का पालन न करने वाले अमरीका और तीन यूरोपीय देश हैं न कि विश्व समुदाय। विश्व समुदाय में वे 150 देश हैं जिनके राष्ट्राध्यक्ष और उच्च प्रतिनिधियों ने कई साल पहले तेहरान में गुट निरपेक्ष आंदोलन के सम्मेलन में भाग लिया था और यह बात बेमेल है कि ईरान के सामने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय है जिस पर हमें भरोसा करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंधों का हटना किसी नई प्रक्रिया पर निर्भर कर दिया गया तो वार्ता का आधार ही निरर्थक हो जाएगा क्योंकि वार्ता का उद्देश्य सभी प्रतिबंधों को हटाना है जिसे डील के दिन पूरी तरह हटना चाहिए।

वरिष्ठ नेता ने अपने भाषण के एक भाग में यमन के हालात की ओर इशारा करते हुए बल दिया कि सऊदियों ने यमन पर अतिक्रमण करके बड़ी ग़लती की है और एक बुरी रीति का क्षेत्र में आधार रखा है। उन्होंने यमनी राष्ट्र के विरुद्ध अत्याचार को जातीय सफ़ाए और अंतर्राष्ट्रीय अपराध की संज्ञा दी और कहा कि बच्चों को जान से मारना, घरों को तबाह करना, आधारभूत ढांचों को ध्वस्त करना महा अपराध है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बात में शक नहीं कि यमन के मामले में सऊदी अरब को नुक़सान उठाना पड़ेगा और वह किसी भी स्थिति में कामयाब नहीं हो पाएगा।

Ref.: IRIB

No comments:

Post a Comment