यमन के सपोर्ट
की रैली में
सैयद हसन नसरल्लाह
का खिताब; यमन
के समर्थन की
रैली में (17 अप्रैल,
2015)
- मैं आप लोगो
का इस्तेकबाल करता
हुआ और यहाँ
आने के लिए
शुक्रगुज़ार हु।
- आज मैं जज़्बाती नज़र
से आपसे बात
करना चाहता हूँ
- आज, हम अलल
ऐलान यमन पर
सऊदी और अमेरिकी
हमले को धिक्कारते
है और हम
यमन के लिए
हमारी मदद का
ऐलान करते है।
- आज हमें कोई
नहीं डरा सकता;
बिलकुल नहीं। हमारे
सारे मीडिया चैनल्स
यमनी रेजिस्टेंस के
लिए हमारी मदद
को पेश करते
रहेंगे
- हम हमारे लेबनानी भाइयो
बहनो को उस
वक़्त की और
उन शोहदा की
याद दिलाना चाहते
है जब अमेरिका
की मदद से
इजराइल ने लेबनान
पर 1996 में हमला
किया था और
हमारे कई लेबनानी
जवानो के जाने
ले ली थी।
- उस वक़्त को
भी याद करिये
जब सन 2000 में
हमें जीत मिली
थी। जिस जीत
ने अरब तारीख
की हार को
जीत में बदल दिया
था।
- सबसे पहले उन्होंने
यमन में जायज़
हुकूमत की बात
कही; उसके बाद
हौसी क़बीलों से
खतरे की बात
कही; उसके बाद
अब "ईरानी दबदबे के
फैलाओ" की बात
कर रहे है
- मैंने पहले भी
कहा था कि
इस हमले की
अहम वजह "यमन
पर सऊदी अमेरिकी
कंट्रोल" को बहाल
करना है
- हाँ, हम अरब
हैं। वे कहते
है की यह
जंग यमन में
"Arabism" की हिफाज़त के लिए
है। अरबों के
खिलाफ जंग "Arabism" बहाल
करने के लिए??
- आओ और यमन
के लोगों को
देखो! उनका अहम,
सम्मान और बेबाक
ज़बान - अगर यमन
अरब नहीं हैं,
तो अरब कौन
है?
- इंडोनेशिया
में इस्लाम किसने
पहुचाया? येमेनी लोगो ने,
उनके मुसाफिरों ने,
उनकी तहज़ीब ने।
- और ये लोग
यमन को Arabism पर
भाषण दे रहे
है? यह भाषण
उन्हें सुनने की ज़रूरत
है जो आज
यमन पर हमला
कर रहे हैं
- आज मै उस
बात को सामने
रखना चाहता
हु जो सबसे
ज़्यादा परेशान कर रही
है। कुछ
लोग यमन पर
इस हमले को
"फिरकावाराना" रुख दे
रहे है
- सऊदी अरब के
शेख इसे "शिया
सुन्नी जंग" के नाम
से पुकार रहे
है - नहीं, यह
यमन पर सऊदी
का सियासी हमला
है, और कुछ
नहीं।
- इसके अलावा, वह हरमैन
शरीफैन की हिफाज़त
की बात कर
रहे है। उन्हें
कौन नुकसान पहुचना
चाहता है? हमारे
यमनी भाई? बिलकुल
मनघडत बातें है।
- लेकिन हाँ! हरमैन
शरीफैन को कुछ
गिरोह नुक्सान ज़रूर
पहुचना चाहते है। और वो
है ISIS और उनका
नजरिया
- वहाबियत से हरमैन शरीफैन
को सबसे ज़्यादा
खतरा है।
- यह सऊदी रियासत
के वही वहाबी
दोस्त है जो
हमारी इस्लामी विरासत
को बरबाद करने
की इच्छा रखते
है, हमारे नबी
(स) के मक़बरे
को, उन के
असहाब के निशानियों
को मिटाना चाहते
है।
- मिस्र और भारत
(और अब पाकिस्तान
) ने वहाबियत और
आले सऊद के
नापाक प्लान को,
जिसमे वो इस्लामी
विरासत और हुज़ूर
(स) के मक़बरे
को तोड़ना चाहते
थे, उसकी मुखालिफत
की
- सुन्नियों और शियाओं
ने मिल कर
सऊदी के इस
मनसूबे पर आपत्ति
जताई और हमारे
इस्लामी विरासत की बहोत
सी निशानियाँ बरबाद
करने पर सऊदी
सरकार की सख्त
तम्बीह करी।
- सऊदी सरकार कह रही
हैं कि इस
जंग के ज़रिये
से वे यमन
की रक्षा करना
चाहते है। क्या?
एक मुल्क को
घेर के बमबारी
कर के तुम
रक्षा कर रहे
हो? यह सिर्फ
हौसीयों पर घेराबंदी
नहीं है बल्कि
लाखो येमेनियों पर
नाजायज़ कब्ज़ा है
- हाँ, सऊदी अरब
'यमन की रक्षा'
करने के बहाने
नरसंहार कर रहा
है - वे इजरायल
के इस्तेमाल किये
हुए "मानव ढाल
(Human Sheild)" लफ्ज़ का बखूबी
उपयोग कर रहे
है।
- अस्पतालो, घरों, खाद्य भंडारण
आदि सभी जगह
बमबारी कर रहे
है और यमन
को बरबाद किया
जा रहा है।
- इस तरह आप
किसी की रक्षा करते
है? उन लोगो
को मार कर?
- ठीक है, वे
कह रहे है
की वो यमन
की सरकार का
बचाव कर रहे
हैं; जबकि वो
येमेनी फ़ौज और
उनके ठिकानो पर
एक साथ बमबारी
किये जा रहे
है।
- आइये हम यमन
पर हो रहे
हमलो का असर
देखते हैं। 22 दिन..
हवाई हमले और अमेरिका
का पूरा साथ।
- सबसे पहले, वे भगोड़े
राष्ट्रपती हादी को
फिर से बहाल
करने में नाकाम
रहे - ना वह
ईडन में आया
ना सना में।
- इस हमले से
पहले, राष्ट्रपति के
रूप में वापस
आने के लिए
हादी के पास
एक मौका था।
अब, यह असंभव
है - सऊदी सरकार
यह जानती है।
- इसके साथ ही,
वे यमन सेना
और हौसियो को
ईडन में दाखिल
होने से रोकना
चाहते थे, लेकिन
वे इसमें भी
असफल रहे।
- आगे देखे तो,
वे यमन को
अपने आगे झुकाना
चाहते थे। नतीजा??
येमेनी सेना और
अवाम एक साथ
मुखालिफत पर खड़ी
हो गई, एक
रेजिस्टेंस वाल की
तरह।
- हवाई हमलों के बावजूद
राजधानी में रेजिस्टेंस
के लिए प्रदर्शन
हो रहे हैं।
- उन्होंने यह भी
चाहा की यमन
में शाफ़ई और
ज़ैदी के बीच
फिरकावाराना आग लगाने
की बहोत कोशिशें
की, लेकिन वो
नकमियाब रहे। आज
पूरा यमन मुत्तहिद
(एकजुट) है।
- अगर यमन से
आले सऊद को
कोई खतरा था
भी.. तो अब
वह साबित है,
यह सब आप
के "तूफान" की बदौलत
हुआ है।
- अंसार अल्लाह "अब्दुल मलीक अल
हौसी" की क़ियादत
के तहत सब्र
से काम ले
रहे है। सऊदी
सरकार की इतनी
बमबारी के बाद
भी वे सब्र
कर रहे है।
- कबीलाई समाज एक
खुद्दार समाज है।
आप इन की
महिलाओं और बच्चों
की हत्या कर
रहे हैं, तो
जान लीजिये इसकी
बदला क्या होगा?
- यमन एक बडा
देश है। गाजा
में और दक्षिण
लेबनान में इजरायली
हवाई हमले से
कोई फ़र्क़ नहीं
पढ़ा; यमन में
ऐसे हमलो से
क्या हासिल होगा?
- तुमने सऊदी सेना
में अरबों डॉलर
निवेश किया, फिर
भी तुम यमन
में कदम रखने
की हिम्मत नहीं
कर पा रहे
हो, इसलिए तुम
ने दूसरे मुल्को
की सेनाओं को
किराए पर लिया
है।
- कुछ लोग अभी
से ही इस
"तूफान" के जीत
के बारे में
बात कर रहे
हैं, यह एक
भ्रम की तरह
है, जैसे इसराइल
2006 की लेबनान जंग के
वक़्त बनाना चाहता
था।
- अभी तक, सऊदी
सरकार में राजनीतिक
समाधान के लिए
कोई आवाज़ नहीं
हैं, दुनियाभर के
ज़्यादातर लोग जंग
ख़त्म करने की
मांग कर रहे
है।
- कुल मिलाकर, यमन के
पास रेसिस्टेंस है,
लेकिन वे हमेशा
से कहते आए
है कि वे
एक राजनीतिक समाधान
के लिए तैयार
हैं।
- मै पाकिस्तानी सरकार और जनता को यमन के सिलसिले में लिए गए निर्णय पर धन्यवाद देना चाहूंगा
- जिस तरह मिस्र
ने पैगंबर (स)
की कब्र पर
आई मुसीबत को
रोका, उसी तरह
मैं यमन की
तबाही को रोकने
के लिए आप
को दवात देता
हु।
- हम अपने सऊदी
भाइयों की सुरक्षा
और स्थिरता चाहते
हैं, हम भी
इस युद्ध को
समाप्त करना चाहते
हैं।
- मैं आज एक
सवाल, जो हिज़्बुल्लाह
से पूछा गया
था, उसका जवाब
देना चाहुगा। सवाल था 'क्यों
आप अभी आवाज
उठा रहे हैं?'
- हाँ, हमें देर
हुई - बहोत देर
हो गई, बहुत
पहले ही दुनिया
हम से आगे
निकल गई है।
- जहा तक सीरिया
का संबंध है,
हम ये नहीं
मानते की सीरिया
में सिर्फ सरकार
को निशाना बनाया
गया था - बल्कि पूरे इलाक़े
को निशाना बनाने
का मंसूबा था।
- मैं अपने लेबनानी
दोस्तों, ईसाइयो और मुसलमानो
को ये बताना
चाहता हु की
क्या होता अगर
"अल - कायदा ने सीरिया
को अपने नियंत्रण
में ले लिया
होता?
- मैं फिर से
वही दोहराना चाहुगा
जो मैंने 8 मार्च
2005 में कहा था,
हम सीरिया का
शुक्रिया अदा करते
है उनके उस
रेजिस्टेंस का जो
उन्होंने तकफ़ीरी फ़िक्र में
मुकाबले में दिखाया
- बहरीन में सऊदी
सरकार ने एक
पूर अम्न इंक़ेलाब
को ख़त्म कर
दिया, सभी विपक्षी
नेताओ जैसे शेख
अली सलमान पर
भी बहोत ज़ुल्म
किया
- हम बहरीन में शांतिपूर्ण
समाधान चाहते थे, लेकिन
सऊदी सरकार ने
ऐसे किसी प्लान
को नकार दिया।
- कई साल ईरान
सऊदी अरब के
साथ बातचीत से
राजनीतिक समाधान चाहता रहा,
लेकिन सऊदी अरब
इंकार करता रहा।
- सऊदी अरब ने
अहंकार दिखाया, वह लेबनान
में ,सीरिया में
नाकाम रहा.. इसीलिए
वह ईरान की
बेइज़्ज़ती करना चाहता
है।
- मैं अरबों और मुसलमानों
को आवाज़ देता
हु कि सब
मिल कर एक
साथ सऊदी अरब
पर प्रेशर डाले
और कहे की
"यह जंग बंद
करो"।
- यह तकफीरी गिरोह, तकफीरी सोच;
जो समाज और
दुनिया को बरबाद
करने पर आमादा
है, किसकी है?
किसने इसे पैदा
किया और आगे
बढ़ाया?
- जी हाँ! सऊदी
अरब, बहुत खुले
रूप से, इस
खतरनाक तकफ़ीरी फ़िक्र को
बढ़ाने का जिम्मेदार
है।
- वे हम से
पूछते है कैसे?
ISIS इराक के शहरों
को नष्ट कर
रहा है। यह
सोच, यह पैसा,
यह फिरकावाराना बातें..
इन सब के
पीछे कौन है?
- आज फिलिस्तीन इस वजह
से खो गया
है, इसराइल आज
जीतता हुआ दिख
रहा है। हमें
इसके खिलाफ हमारी
आवाज बुलंद करना
होगी।
- अल क़ायदा, ISIS, अल-नुसरा,
बोको हरम, और
बहोत से गिरोह..
कौन ईसाइयों की
हत्या कर रहा
है? इनकी किताबें।
यह सब कहाँ
से है? (सऊदी
अरब से)
- मैं विरोधी पार्टियो से
कहना चाहूंगा कि
शांत हो जाओ
और इस "तूफ़ान"
की नकली जीत
पर जश्न मानना
बंद कर दो
- मैं लेबनोनियो से भी
कहना चाहता हु
कि शांत हो
जाए, हम लेबनान
को एकजुट करने
की ख्वाहिश रखते
है। हम यमन
के विवाद को
लेबनान में फैलता
नहीं देख सकते।
- यमन लड़ेगा। यमन के
पास एक बुद्धिमान
सेना, नेतृत्व, लोग,
बच्चों और औरतें
है, यमन ज़रूर
जीतेंगा।
- आप सब के
यहाँ आने के
लिए आप सभी
का शुक्रिया अदा
करना चाहूँगा।
- वस सलामुन अलैकुम व रहमतुल्लाह
स्पीच ख़त्म होती
है |
No comments:
Post a Comment