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Wednesday, 27 May 2015

Who created ISIS? Who are they?




Ek dost ne mujh se sawaal kiya, “Atankwadi ISIS group kab aur kahan se shuru hua?”

America, Israel, Saudi Arabia, Qatar aur Turkey ne mil kar Syria me ISIS ko banaya taki yeh log fidayeen tarike se Hezbullah se ladhai kare aur use khatm kar de. Hizbullah jangju ke jangi karnaame puri duniya me mashhoor hai aur Islam mukhalif taqato ke pass iska koi tod maujood nahi hai. Hizbullah ne Syria ke mamle me dakhal dete hue Syrian hukumat ki madad ki thi. Jin mulko ne ISIS ko banaya tha, unka maqsad tha ki Hizbullah khatm ho jaae taki Syria se Assad ki hukumat ka safaya kiya ja sake.

ISIS ko purv Iraqi rashtrapati Saddam Hussain ke Army ke officers aur Syria wa Iraq ke un qabilai logo ko le kar banaya gaya hai jinhe America ne 2012 me Jordan me training di thi. Is tarah in logo ne puri duniya se kattar takfiri soch rakhne walo ko apni taraf aakarshit kiya. Khas taur se un logo ko jinki kattar soch ki wajah se Al-Qaeda jaise giroh ne bhi unhe apne yaha se bahar kar diya tha.

ISISI America, Turkey aur Saudi ki madad se taqat me bahot aage badh gaya aur Syria ka achcha khasa ilaaqa apne kabze me kar liya. Iske baad ISIS ne Iraqi Sunni qabilo ki madad se Iraq par hamla kiya aur Syria ki tarha uttari Iraq ke bhi bahot bade ilaaqe ko apne kabze me kar liya. Baad me ISIS me aur Sunni qabilo me matbhed hua jiski wajah se qabilo ne ISIS ka sath chodne ka faisla kiya, lekin ISIS ne bahot se qabilo ki jaan le li.

Aaj ISIS ek kattar aur ghinauni kism ki Wahabi Salafi soch ka jeeta jaagta namuna hai. Yeh log khoon ke pyase hai, behis hai, beraham hai, chalak aur jaanwar hai.

Who are ISIS? Who created them?

ISIS कौन है? किसने इन्हे बनाया?


एक दोस्त ने मुझ से सवाल किया; “आतंकवादी ISIS ग्रुप कब और कहा से शुरू हुआ?”

अमरीका, इजराइल, सऊदी अरबिया, क़तर और तुर्की ने मिल कर सीरिया में ISIS को बनाया ताकि यह लोग फिदायीन तरीके से हिजबुल्लाह से लढाई करे और उसे ख़त्म कर दे. हिजबुल्लाह के जंगजू के जंगी कारनामे पूरी दुनिया में मशहूर है और इस्लाम मुख्लिफ ताक़तों के पास इसका कोई तोड़ मौजूद नहीं है. हिजबुल्लाह ने सीरिया के मामले में दखल देते हुए सीरियन हुकूमत की मदद की थी. जिन मुल्को ने ISIS को बनाया था उनका मकसद था की हिजबुल्लाह ख़त्म हो जाए ताकि सीरिया से असद की हुकूमत का सफाया किया जा सके.

ISIS को पूर्व इराकी राष्ट्रपती सद्दाम हुसैन के आर्मी के ऑफिसर्स और सीरिया और इराक के उन कबीलाई लोगो को ले कर बनाया गया है जिन्हें अमेरीका ने 2012 में जॉर्डन में ट्रेनिंग दी थी. इस तरह इन लोगो ने पूरी दुनिया से कट्टर तकफिरी सोच रखने वालो को अपनी तरफ आकर्षित किया. खास तौर से उन लोगो को जिनकी कट्टर सोच की वजह से अल-काएदा जैसे गिरोह ने भी उन्हें अपने यहाँ से बाहर कर दिया था.

ISIS अमेरीका, तुर्की और सऊदी की मदद से ताक़त में बहोत आगे बढ़ गया और सीरिया का अच्छा खासा इलाक़ा अपने कब्ज़े में कर लिया. इसके बाद ISIS ने इराकी सुन्नी क़बीलो की मदद से इराक पर हमला किया और सीरिया की तरह उत्तरी इराक के भी बहोत बड़े इलाके को अपने कब्ज़े में कर लिया. बाद में ISIS में और सुन्नी क़बीलो में मतभेद हुआ जिसकी वजह से क़बीलो ने ISIS का साथ छोड़ने का फैसला किया, लेकिन ISIS ने बहोत से क़बीलो को जान ले ली.

आज ISIS एक कट्टर और घिनौनी किस्म की वहाबी सलफी सोच का जीता जागता नमूना है. यह लोग खून के प्यासे है, बेहिस है, बेरहम है, चालक और जानवर है.

Tuesday, 26 May 2015

Sayyad Hasan Nasrallah - 24 May, 2015

24th May 2015 Sayed Hasan Nasrallah speech 


on the anniversary of the Liberation of the South.


  • जुनुबी लेबनान की इजराइल से आज़ादी की सालगिरह पर हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की स्पीच
  • आज का दिन आप की, तमाम लेबनानियो की, अरबों की और उन लोगो की जीत का दिन है जो आज़ादी को पसंद करते है.
  • आज मैं खास तौर से उन शोहोदा से, उनके घरवालो से, जो लोग क़ैद है जो ज़ख़्मी हुए है और हमारे जंगजू जांबाजो से मुखातिब हूँ जिनकी वजह से हमें ये दिन नसीब हुआ
  • मैं सीरिया और ईरान की हुकूमतों का और लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हु
  • तारीख अपने आप को दोहराती है; जब 1982 में इजराइल ने लेबनान पर कब्ज़ा किया था; बहोत से लेबनानी इजराइल की नियत को जानते थे और ज़िओनिस्त के प्रोजेक्ट से भी बाखबर थे
  • लेकिन कुछ लेबनानी चाहते थे की इजराइल लेबनान पर कब्ज़ा करे; कुछ ने तो उनका साथ भी दिया; कुछ उनको आगे बढाने में उनके साथ रहे
  • लेकिन वो लोग इन्हें मुक़वामत (रेजिस्टेंस) में यकीन था, उन्हें हकीकी फ़तेह पर यकीन था; और उन्होंने उस फ़तेह को देखा, और उसे पाया – बेरुत से दहये तक और सईदा से जुनूब तक
  • सन 2000 के बाद भी, कुछ लोग हमारे बीच मौजूद थे; जो इजराइल को अपने साथी के रूप में देख रहे थे; वो इजराइल की खूंरेजी को जायज़ करार दे रहे थे
  • लोगो ने हमेशा रेजिस्टेंस (मोक़वामत) को ईरान और सीरिया के प्रॉक्सी के शक्ल में देखा,
  • अमल, हिजबुल्लाह,लेबनानी देशभक्त इस्लामी और ग़ैर-इस्लामी गिरोह, फिलिस्तीनी गिरोह.. सब ने मोक़ावामत (रेजिस्टेंस) दिखाई
  • 1982 से 1985 के बिच, 3 सालो में, हमने उन्हें सईदा, बेरुत, पहाड़ो और रशाया से बहार खदेड़ दिया
  • 1993.. 96 से 2000 तक.. क़त्लेआम और कुरबानिया दे कर.. खुदा की दी हुई मदद से हमने अपनी ज़मीन को इजराइल के नापाक वुजूद से पाक कर दिया.  
  • जिन्होंने रेजिस्टेंस में यकीन रखा वो इस जीत को पा सके.. सभी लेबनानी इसे नहीं पा सके
  • वो कुछ लोग इन्होने तय किया था की वो डटे रहेगे और लड़ेगे; उन्होंने इस जीत को हकीक़त में बदला. और इसे सारे लेबनानियो के लिए, सारे गाओ और शहरों के लिए आम किया

  • वो जीत सारे अम्न पसंद लोगो के लिए थी, जिसमे फिलिस्तीनी भी शामिल है
  • हम लोगो को बता देना चाहते हैं की मोक़ावमत, इसके सारे साथी और फौजे सन 2000 के बाद भी उन तमाम लोगो के लिए बहोत नर्म थे जो इजराइल की मदद कर रहे थे
  • उस वक़्त अगर रेजिस्टेंस (मोक़ावमत) न होता तो इजराइल बेरुत और बेका तक आ चूका होता
  • ऐ लेबनानियो (मेरा मतलब, कुछ लेबनानियो से है), इजराइल अरब लीग और UNSC के लिए नहीं रुका था
  • आज हम तकफिरी फितना देख रहे है जो की ISIS के शक्ल में है, आए कुछ हकीक़त पर नज़र डालते है: सऊदी अरबिया (कातिफ), यमन, सीरिया, इराक, वगेरह..
  • ISIS एक अलग पड़ा गिरोह नहीं है, ये तेज़ी से बढ़ रहा है. सीरिया में, इराक में, सिनाई में, यमन में, अफ़ग़ानिस्तान में, लीबिया में और कई जगह..
  • जैश अल फतह नाम का कोई गिरोह नहीं है, वो नुसरा है, जो अल-काएदा का हिस्सा है
  • कुछ लोग नुसरा और ISIS पर बहाने बना रहे है; जैसे इजराइल बनाया करता है
  • यह तकफिरी हमारे कल्चर को खतरा है; ज़रा जा कर देखे की ISIS ने अहले सुन्नत अवाम के साथ इराक में क्या किया? उनका साथ दिया या उनके खिलाफ रहे?
  • वह शिया, क्रिस्चन, येज़ीदी, तुर्कमन, कुर्द के साथ क्या कर रहे है? सीरिया में अल्वी, सुन्नी वगैरह के साथ इनका बर्ताव देखे
  • ISIS सुन्नी फ़िक्र नहीं है; ये हम सब के लिए खतरा है
  • इराक में शुरूआती मतभेद के बाद कुछ क़बीलो ने ISIS को मदद की; ISIS ने उन सभी क़बीलो को क़त्ल कर दिया
  • इराक की एक जमात “तैयार-अल-मुस्ताक्बल” अब ISIS का अगला शिकार है, ये बात तय है
  • कोई अमेरिकन प्रोजेक्ट के बारे में बात करने को तैयार नहीं है; वो लोग हमारे हक और तेल, दोनों को चुरा रहे है
  • इजराइल ने लेबनान और गाजा में कई ज्यादा बम गिरे है जितने अमेरीका ने ISIS पर गिराए है
  • ISIS अमेरीका की निगरानी में फ़ैल रहा है; और वो येही चाहते है.
  • जिन लोगो ने ये यकीन किया की अमेरिकी बमबारी ISIS को ख़त्म कर देगी? ISIS को किसने पैसे दिए? कौन उन्हें मीडिया में बचा रहा है?
  • यह लढाई लेबनान, सीरिया और इराक के लिए ज़िन्दगी की लढाई है
  • सीरिया में राष्ट्रपती बशार असद की हुकूमत है, वहां नुसरा और ISIS भी है – हम पहले वाले का साथ देते है
  • लोग कहते है की अरसाल की जंग से हिजबुल्लाह ने लेबनान को एक बेजा जंग में घसीट लिया है; हम कहते है नहीं. हम चाहते है की आप अपने देश की खुद हिफाज़त करे
  • हमें अपने उन लोगो के साथ खड़े रहना है जो बालबेक और हेर्मेल में ISIS ने लड़ रहे है
  • हमारे बालबेक और हेर्मेल की अवाम अरसाल और बेका में एक भी आतंकवादी को बर्दाश नहीं करेगी
  • हमारी फ़ौज, हमारे लोग और मुक़ावमत; इसी फोर्मुले ने लेबनान को तकफिरी और इसरायली से बचे रखा है
  • आज इराक में हमें सिर्फ फ़ौज नहीं चाहिए, वह भी हमें सुन्नी शिया काबिले और एक मशहूर मुक़वामत की ज़रूरत है
  • यमन में सऊदी-अमेरिकी हमला कुछ बिगाड़ नहीं सकता, क्युकी वहां यमनी मोक़ावामत और अवाम साथ में खड़े है
  • इजराइल ने 1948 में नकबा के बाद में अवाम को मोक़ावामत से अलग करने में कामियाब रहा था; उसके बाद फिलिस्तीनी मसला अपना मकसद खो बैठा था
  • आज सभी लोग ISIS को देख रहे है; वो लोग इसे बढ़ने दे रहे है; उसका तेल खरीद रहे है; और इसी वजह से ISIS ने अम्बर, मोसुल, इरबिल, सब जगह अपना कब्ज़ा जमा लिया है
  • हम मानते है की हमारी जंग सबका दिफ़ा है, फिलिस्तीन का, यमन का, रमादी का, अरसाल का, अलेप्पो का, लाटाकीआ का.. सभी जगह की हिफाज़त
  • सीरिया में हमारा वुजूद हमारे इसी विज़न का नतीजा है और ये हमारा बहोत ज़रूरी विज़न है
  • अब चूँकि ISIS सभी के दरवाजों पर आ खड़ा हुआ है, मैं सऊदी हुकूमत से कहता हु की यमन पर अपना हमला ख़त्म करे और एक सियासी पहेल करे
  • उसी तरह मैं बहरैन की हुकूमत से भी कहता हु की तमाम सियासी कैदियों को रिहा करे और अपने यहाँ सियासी आज़ादी और रिफॉर्म्स को आगे बढाए
  • हम जहाँ कही भी है, हम साउथ लेबनान में ही रहेंगे, और हम यहाँ अच्छे के लिए ही है
  • हमारे पड़ोस में हमारा दुश्मन बैठा हुआ है जो हमारे खून का प्यासा है, और साथ में सारे इलाके के लोगो के खून का भी

  • ये शोहोदा के खून का असर है की हम आज हिफाज़त से है
  • आज मैं सभी के उठ खड़े होने की आवाज़ नहीं लगा रहा हूँ; मैं ऐसा अभी नहीं कर सकता; लेकिन हा, एक दिन ज़रूर ऐसी आवाज़ लगेगी. और उस दिन देखना दसियों हज़ार जंगजू खड़े रहेगे
  • मोक़ावमत और हमारी अवाम – 1982 से 2000 तक और फिर 2006 तक.. साथ में खड़े रहे.. अपने वादे को निभाते रहे.

Tuesday, 19 May 2015

Sayed Nasrallah Speech of 16 May 2015 in Roman



Hezbullah ke General Secretary Syed Hasan Nasrallah ki 16 May ki speech - In Roman




  • Bismillah Hirrahma Nirrahim

  • Sabse pehle mai ye bata dena chahta hu ki mai bimar nahi hu aur na hi mujhe koi kamzori hai; kuch log social media par ise ek issue bana rahe hai

  • Meri pichli speech me orange juice peena meri kamzori se related nahi tha; balki mai aksar use peeta hu. Orange juice ek sahatmand giza hai
Filistin ka Naqba day:
  • In dino ham “Naqba” ki yaad mana rahe hai jise 67 saal pure ho chuke hai – Filistin ka Naqba aur Lebanon ka Naqba

  • 1948 me Israel ne zabardasti Filistin ko hamse chori kar liya tha aur Zionist – British ka Israel project wujood me aaya

  • Usi waqt se Israel ne tamaam Arab mulko par ek jakad jama li hai; usme Arab mulko par zulm, Filistin aur Lebanon, sabhi mulk shamil hai

  • Aaj ham sabhi aazad pasand logo ko aawaaz dete hai aur bulate hai us bahaddur aur ghairatmand ummat ko jo apne haq ke difa ke liye khadi ho. Us waqt hamne ek Naqba dekha tha aur aaj bhi ham ek naya Naqba dekh rahe hai

  • Us waqt Israeli – British Naqba tha; aaj Takfiri – Americi – Israeli Naqba hai. Ye ek naya tariqa hai aur bahot zyada khatarnaak bhi hai

  • Takfiri masla Arabo ko aur ummate muslima ko Filistin se dur kar raha hain; dhire dhire ham Filistin ke muqaddas khawb ko bhool rahe hai
Qalamoun Update (Lebanon Syria Border region)

  • Qalamoun (Jo Lebanon – Syria border ka ilaaqa hai, jahan Hezbollah aur ISIS me jang chal rahi hai) me Syria aur Syrian groups atankwadiyo se muthbhed me lage hue hai aur wo ladte hue aage badhte rahege

  • Qalamoun me bahut se military base par car bombs store kiye hue hai jise aatankwadi Lebanon me lana chahte hai; taki tabahi macha sake

  • Takfiri – Israeli – Americi isse ummat ko kamzoor karne ke liye istemaal karna chahte hai

  • Ham abhi jang ke bichobeech hai; natija abhi dur hai

  • Lekin hamne atankwadiyo ke bahot se military bases barbaad kar diye hai jaha wo car bombs banate the aur sath hi unhe bahot nuksaan bhi pahuchaya hai

  • Iske sath hi hamne Zabadani naam ke Ilaaqe ko bhi dushman ke hath se alag kar liya hai aur unki weapons ki rasad ke raaste ko rok diya hai jaha se wo aslaha aur car bombs Syria ke Rifq ilaqe me le jaate the

  • Is ilaqe me dushman ke bahot se base aur training camps the; jaha se wo aslaha jama karte, car bomb banate, apne operations manage karte aur aslahe ko dusre shahro me bhej kar waha logo ki jaan lete the
About Martyrs of Hezbollah

  • Jaha tak hamare shohoda ka sawaal hai; wo mulk jo in atankwadiyo ko madad kar rahe hai kehte hai ki hamare 130 jawan maare gae; ye sahi nahi hai. Haqiqat me hamne abhi tak 13 beshqimti jawan khoe hai

  • Ham abhi jang ke bichobeech hai aur mai un sabhi shohoda ko, unki families ko aur unke dosto ko salam karta hu jinhone is nae Naqaba me ladte hue apni jaano ki qurbaniya pesh ki hai

  • 300 kilometers ke area me sabhi atanki bhag khade hue hai

  • Iske pehle Lebananiyo ko ek bahot bada khatra tha, car bombs aur atankwadiyo ke failaao se

  • Iske sath hi ek afwah bhi failai ja rahi thi ki ham lebanani sena ko nuksaan pahuchana chah rahe hai; ye sab bakwaas hai – ham Lebanani Army ke sath hai, aur uski izzat karte hai, uske Shohoda ki aur Generals ki izzat karte hai
Support of few Lebanese parties to ISIS

  • Yaha mai ye bata dena chahta hu ki kuch Lebanani political groups in atankwadiyo se sahanubhuti rakhte hai

  • Kuch log kehte hai ki ham Qalamoun me inqelabiyo ke sath lad rahe hai. Ye unhi ko inqelaabi bula rahe hai jinhone Lebanani Army ke jawano ke sar qalam kiye hai

  • Ye kaise inqelabi hai jinki tum baat kar rahe ho? Jo Baalbek ilaqe par rockets se hamle karte hai, Hermel aur digar ilaqo me bam barsaate hai, Lebanani army ke jawano ko kidnap karte hai.. tum inhe inqelaabi bulate ho?

  • In aatankwadiyo ko inqelaabi bulane ki tumhare paas kya daleel hai? Agar daleel Saudi Arabia hai, to Saudi Jabath-an-Nusra ko atankwadi bulata hai

  • Agar aisa hi hai to wo Lebanani dost jo in atankwadiyo ko inqelabi bulate hai, iski zimmedari qabul kare

  • Ham ek aisi jang me hai jiska waqt tai nahi hai aur jiski jagah bhi limited nahi hai. Ham us waqt tak ladte rahege jab tak in aatankiyo ka safaya nahi ho jata

  • Jahan tak Lebanon ke Rashtrapati ka sawaal hai; ham Lebanani awaam ko dawat dete hai ki Michel Aoun ke batae hue raaste se is masle ka hal talash kare
Inputs about Bahrain

  • Jahan tak Bahrain ka sawaal hai, hazaro log jailo me band pade hai aur har taraf sannata Chaya hua hai; ye ek bahot bada masla hai

  • Ham Bahraini awaam ko awaaz dete hai ki wo is sabr ko qayam rakhe aur apne inqelaab ko aage badhate rahe jab tak unhe unke haq nahi mil jaate

  • Aapki se muqaddas muhim ko qurbaniyo aur sabr ki sabse zyada zarurat hai

  • Bahraini Khalifa ne Shaitan-e-Buzurg (America) ko madad ke liye bulaya taki wo satta me bane rahe aur logo par aur zyada zulm karte rahe
Inputs about Yemen

  • Yemen par ham ek baar aur apne stand ko dohraate hai; zalim apne maqsad me kabhi kamiyaad nahi hoga

  • Yemen ab inqelaab ke lye tayyar hai; agar tumhara maqsad zabardasti Yemen ko control karna hai to tum galti kar rahe ho; kyoki ab tum Moqawamat (Resistance) se lad rahe ho aur yaad rakho Resistance sabse zyada mazboot hota hai

  • Yemen me Ansarallah ki maujudgi aur taqat dono badh rahi hai

  • Tumhara kya maqsad tha? Yemen me Iran ke dabdabe ko khatm karna? Dhyan se dekho, tumhare hamle ne Yemen ko Iran se aur zyada qareeb kar diya hai

  • Yaha mujhe na chahte hue ek comparison karne de; jis tarah Gaza me Israeli fauj ne masjido ko nishana banaya tha, usi tarah aaj Saudi bhi Yemen ki masjido ko nishana bana rahi hai

  • Saudi ki harkate bata rahi hai ki wo ISIS ke nazariye par chal raha hai; ye Daesh hai, yehi chiz wo Syria aur Iraq me bhi kar rahe hai

  • Yemen me kai Hospitals par ban bam barsae gae; aisa hi hamne Gaza me Israeli bambari me dekha tha

  • Ek Lebanani hote hue, Arab ummat ka hissa hote hue, ham is zimmedari ko apna fariza samajhte hai k is nae Naqaba ko rokna chahiye

  • Was salamu alaikum wa rahmatullah