हिजबुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी, सय्यद हसन नसरल्लाह की 16 मई 2015 की स्पीच
- बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
- सबसे पहले मैं ये बता देना चाहता हु की मैं बीमार नहीं हु और ना ही मुझे कोई कमज़ोरी है; कुछ लोग सोशल मीडिया पर इसे एक इशू बना रहे हैं
- मेरी पिछली स्पीच में संतरे का जूस पीना मेरी कमज़ोरी से रिलेटेड नहीं था; बल्कि मैं अक्सर उसे पीता हु. संतरे का जूस एक सेहतमंद गिज़ा है.
- इन दिनों में हम “नकबा” की भी याद मना रहे है जिसे 67 साल पुरे हो चुके है – फिलिस्तीन का नकबा और लेबनान का नकबा
- 1948 में इजराइल ने ज़बरदस्ती फिलिस्तीन को हम से चोरी कर लिया था और ज़िओनिस्त और ब्रिटिश का इजराइल प्रोजेक्ट वुजूद में आया
- उसी वक़्त से इजराइल ने तमाम अरब मुल्कों पर एक जकड जमा ली है; उसमे अरब मुल्को पर ज़ुल्म, फिलिस्तीन और लेबनान, सभी मुल्क शामिल है
- आज हम सभी को आवाज़ देते है और बुलाते है उस बहाद्दुर और गैरतमंद उम्मत को जो अपने हक के दिफ़ा के लिए खडी हो. उस वक़्त हमने एक नकबा देखा था और आज भी हम एक नया नकबा देख रहे है.
- उस वक़्त इसरायली – ब्रिटिश नकबा था; आज तकफिरी – अमरीकी – इसरायली नकबा है. ये एक नया तरीका है और बहोत ज्यादा खतरनाक भी है
- तकफिरी मसला अरबों को और उम्मते मुस्लिमा को फिलिस्तीन से दूर कर रहा है; धीरे धीरे हम फिलिस्तीन के मुक़द्दस खाव्ब को भूल रहे है
- क़लामौन (जो लेबनान सीरिया बॉर्डर का इलाक़ा है, जहा हेज्बुल्लाह और ISIS में जंग चल रही है) में सीरिया और सीरियन ग्रुप्स आतंकवादियों से मुठभेड़ में लगे हुए है और वो लड़ते हुए आगे बढ़ते रहेगे
- क़लामौन में बहोत से मिलट्री बेस पर कार बोम्ब्स स्टोर किये हुए है जिसे आतंकवादी लेबनान में लाना चाहते है; ताकि तबाही मचा सके
- तकफिरी - इसरायली – अमरीकी इसे उम्मत को कमज़ोर करने के लिए इस्तेमाल करना चाहते है
- हम अभी जंग के बीचो बिच है; नतीजा अभी दूर है
- लेकिन हमने आतंकवादियों के बहोत से मिलट्री बेस बरबाद कर दिए है जहाँ वो कार बम बनाते थे और साथ ही उन्हें बहोत नुकसान भी पहुँचाया है
- इसके साथ ही हमने ज़बदानी नाम का इलाका दुश्मन के हाथ से अलग कर लिया है और उनकी वेपन्स की रसद के रास्ते को रोक दिया है जहाँ से वो असलहा और कार बम सीरिया के रिफ्क इलाके में ले जाते थे
- इस इलाके में दुश्मन के बहोत से बेस और ट्रेनिंग कैम्पस थे; जहा वो असलहा जमा करते, कार बम बनाते, अपने ऑपरेशन मैनेज करते और असलहे को दुसरे शहरों में भेज कर वहां लोगो की जाने लेते थे
- जहाँ तक हमारे शोहोदा का सवाल है; वो मुल्क को इन आतंकवादियों को मदद कर रहे हैं कहते है की हमारे 130 जवान मारे गए; यह सही नहीं है. हकीक़त में हमने अभी तक 13 बेशकीमती जवान खोए है.
- हम अभी जंग के बीचोबीच है और मैं उन सभी शोहोदा को, उनकी फॅमिली को और उनके दोस्तों को सलाम करता हु जिन्होंने इस नए नकबा में लड़ते हुए अपनी जानो की कुरबानिया पेश की है
- 300 किलोमीटर के एरिया में सभी आतंकवादिय भाग खड़े हुए है
- इसके पहले लेबनानियो को एक बहोत बड़ा खतरा था कार बम और आतंकवादियों के फैलाओ से
- इसके साथ ही एक अफवाह भी फैलाई जा रही थी की हम लेबनानी सेना को नुकसान पहुचना चाह रहे है; ये सब बकवास है – हम लेबनानी आर्मी के साथ है, उसकी इज्ज़त करते है, उसके शोहोदा की और जनरल की इज्ज़त करते है
- यहाँ मैं ये बता देना चाहता हु की कुछ लेबनानी सियासी ग्रुप्स इन आतंकवादियों से सहानुभूति रखते है
- कुछ लोग कहते है की हम क़लामौन में इन्केलाबियो के साथ लड़ रहे है. ये उन्ही को इंकेलाबी बुला रहे है जिन्होंने लेबनानी सेना के जवानों के सर कलम किये है
- ये कैसे इंकेलाबी है जिसकी तुम बात कर रहे हो? जो बालबेक इलाके पर रॉकेट्स से हमले करते है, हेर्मेल और दीगर इलाकों में बम बरसाते है, लेबनानी आर्मी के जवानों को किडनैप करते है.. तुम इन्हें इंकेलाबी बुलाते हो??
- इन आतंकवादियों को इंकेलाबी बुलाने की तुम्हारे पास क्या दलील है? अगर दलील सऊदी अरबिया है, तो सऊदी जबात-अन-नुसरा को आतंकवादी बुलाता है
- अगर ऐसा ही है तो वो लेबनानी दोस्त जो इन आतंकवादियों को इंकेलाबी बुलाते है, इसकी ज़िम्मेदारी काबुल करे
- हम एक ऐसी जंग में है जिसका वक़्त तय नहीं है और जिसकी जगह भी लिमिटेड नहीं है. हम उस वक़्त तक लड़ते रहेगे जब तक इन आतंकियों का सफाया नहीं हो जाता.
- जहाँ तक लेबनान के राष्ट्रपती का सवाल है; हम लेबनानी अवाम को दावत देते है की मिचेल ओउन की बताए हुए रास्ते से इस मसले का हल तलाश करे
- जहाँ तक बहरैन का सवाल है, हजारो लोग जेलों में बंद पड़े है और हर तरफ सन्नाटा छाया हुआ है; ये एक बहोत बड़ा मसला है
- हम बहरैनी अवाम को आवाज़ देते है की वो इस सब्र को कायम रखे और अपने इन्केलाब को आगे बढ़ाते रहे जब तक उन्हें उनके हक नहीं मिल जाते
- आपकी ये मुक़द्दस मुहीम को कुर्बानियों और सब्र की सबसे ज्यादा ज़रूरत है
- बहरैनी खलीफा ने शैतान-ए-बुज़ुर्ग (अमरीका) को मदद के लिए बुलाया है ताकी वो सत्ता में बने रहे और लोगो पर और ज्यादा ज़ुल्म करते रहे
- यमन पर हम एक बात और अपने स्टैंड को दोहराते है: ज़ालिम अपने मकसद में कभी कामियाब नहीं होगा
- यमनी अब इन्केलाब के लिए तैयार है; अगर तुम्हारा मकसद ज़बरदस्ती यमन को कंट्रोल करना है तो तुम गलती कर रहे हो; क्युकी अब तुम मोक़वामत (रेजिस्टेंस) से लड़ रहे हो और याद रखो रेजिस्टेंस सबसे ज्यादा मज़बूत होता है
- यमन में अन्सराल्लाह की मुजूदगी और ताक़त दोनों बढ़ रही है
- तुम्हारा क्या मकसद था? यमन में ईरान के दबदबे को ख़त्म करना? ध्यान से देखो, तुम्हारे हमले ने यमन को ईरान से और ज्यादा करीब कर दिया है
- यहाँ मुझे न चाहते हुए एक कोम्पारिसन करने के; जिस तरह गाजा में इसरायली फ़ौज ने मस्जिदों को निशाना बनाया था; उसी तरह आज सऊदी भी यमन के मस्जिदों को निशाना बना रही है
- सऊदी की हरकते बता रही है की वो ISIS के नज़रिए पर चल रहा है; ये दाएश है, येही चीज़ वो सीरिया और इराक़ में भी कर रहे है
- यमन में कई अस्पतालों पर बम बरसाए गए; ऐसा ही हमने गाजा में इसरायली बमबारी में देखा था
- एक लेबनानी होते हुए, अरब उम्मत का हिस्सा होते हुए, हम इस ज़िम्मेदारी को अपना फ़रीज़ा समझते है की इस नए नक़बा को रोकना चाहिए
- वस सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह
No comments:
Post a Comment