कुछ दिनों पहले मेरे एक
दोस्त ने, जो की हिन्दुस्तानी है, सवाल किया, “ये ISIS क्या है? ये अपने आप को
इस्लामिक स्टेट क्यों पुकारते है? इस्लाम के नाम पर ये गिरोह इतनी वेहशतनाक हरकते
कैसे कर सकते है? हमने तो हिन्दुस्तान में मुसलमानों को इतना बुरा करते या सोचते
कभी नहीं देखा”.
सवाल सुनते ही मेरे ज़हन में भी तरह तरह की तस्वीरे और खयालात आने लगे और मैं सोचने लगा की मीडिया ने अपना काम कर दिया. हिन्दुस्तानी अवाम के नज़दीक इस्लाम को और मुसलमानों को एक वेहशी और ना-अक्ल मज़हब साबित कर दिया.
लेकिन आज सारे मुसलमानों के ज़हन में भी यही सवाल है कि:
- ये ISIS क्या बला है?
- 2014 के पहले कभी इसका नाम नहीं सुना था, ये अचानक कैसे इतने बड़े हो गए?
- ऐसा कैसे हो सकता है की दो देशो के बिच के एक बड़े हिस्से को ये गिरोह कंट्रोल कर रहा है और दुनिया तमाशा देख रही है?
- सारी दुनिया से हजारो नौजवान क्यों इस ग्रुप से जुड़ रहे है?
- इस्लाम का नाम ले कर ये गिरोह शैतान वाले काम क्यों कर रहा है?
- और बहोत से सवालात सभी के ज़हनो में उठना लाज़मी है