दिल
की बात करे तो यह बात सब जानते है की केंद्र में सरकार बदलने के बाद से
बहुत सी ऐसी घटनाए घटी है जिससे यह साफ़ दिखाई देता है की कुछ ऐसे तत्व
है जो सरकार बदलने का फाएदा उठा कर खुले आम ऐसे काम करने के लिए उतारू है
जिससे देश के अल्पसंख्यक / दलित / पिछड़े वर्ग के लोगो के दिल में एक तरह का
डर बैठ जाए. इसे साबित करने के लिए अगर हम सिर्फ जून 2014 से आज तक की
टाइम लाइन देखे तो सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई देने लगेगा.
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Thursday, 26 November 2015
Bharat me badhti asahanshilta ka mamla. Sach kya hai?
Dil ki baat kare to yeh baat sab jaante hai ki
kendra me sarkaar badalne ke baad se bahot si aisi ghatnaye ghati hai jisse yeh
saaf dikhai deta hai ki samaj kuch to aise tatwa hai jo sarkaar badalne ka faeda utha
kar khule aam aise kaam karne ke liye utaaru hai jisse desh ke alpsankhyak /
dalit / pichde varg ke logo ke dil me ek tarah ka dar sama jaae. Ise sabit
karne ke liye agar hum sirf June 2014 se aaj tak ki timeline dekhe to sab kuch
saaf saaf dikhai dene lagega.
Tuesday, 17 November 2015
सीरिया की जंग
सीरिया में हर तरफ तबाही का माहोल है. माएं अपनी औलादों को बचाने में खुद अपनी जाने दे रही है और हर तरफ मासूमो की चीखे गूंज रही है. ऐसे में मीडिया लोगो को गुमराह करने का एक भी मौक़ा अपने हाथ से नहीं गवा रहा.
कभी यह कहा जा रहा है की सीरिया में जितने भी लोगो की जाने गई है, सबके पीछे अस्साद हुकूमत का हाथ है, तो कभी यह की रूस के सीरिया में आने के बाद मरने वालो की तादाद में बढ़ोतरी हुई है. इंसानियत हक जानने के लिए बेताब है. आखिर सच क्या है?
Syria ki Jang?
Syria me har taraf tabahi ka mahol hai. Maae apni
aulaado ko bachane me khud apni jaane de rahi hai aur har taraf masumo ki chike
gunj rahi hai.
Aise me Media logo ko gumraah karne ka ek mauqa bhi apne hatho
se nahi gawa raha. Kabhi yeh kaha ja raha hai ki Syria me jitney bhi logo ki
jaane gai hai, sabke piche Assad hukumat ka haath hai, to kabhi yeh ki ke
Russia ke Syria me aane ke baad marne walo ki tadaad me badhotri hui hai. Insaniyat
haq jaane ke liye betaab hai. Aakhir Haq kya hai?
Saturday, 7 November 2015
सय्यद हसन नसरल्लाह स्पीच - हिंदी - 6 नवम्बर 2015
- फिलिस्तीनियों के नए
इन्तिफादा से इसरायली रिजीम हैरान है.
- फिलिस्तीनियों के शौके
शहादत के लिए नए नए तरिकेकार उनके जोश और जज्बे का सबूत देते है न के परेशानी का.
- अगर हकीक़त को देखा जाए तो
इजराइल आज के इस्तेमारी ताक़तों का फ्रंटलाइन है जो साड़ी उम्मत को टारगेट कर रहा
है.
- मजलूम फिलिस्तीन हमेशा से
अरब मुल्को की नियाबत में इजराइल से जुंग कर रहा है.
- बहुत से मुल्को में जो
अफवाह उड़ाई जा रही है की इस्लामिक और अरबो ने फिलिस्तीनियों की मदद करना बंद कर दी
है, वो गलत है.
- अफ़सोस की बात है की बहुत से
अरब मुल्को ने सीरिया, इराक़, यमन और लीबिया में दहशत फैला रहे टेररिस्ट को हथियार
और पैसो से मदद की लेकिन वही अरब फिलिस्तीन की मदद नहीं कर रहे.
- फिलिस्तीन की मदद करने की
जगह बहुत सी सरकारे लोगो को फिलिस्तीन के खिलाफ भड़का रही है.
- मुसलमानों और इसाइयों के
बिच कौमी ताजाद या शिया और सुन्नी के बिच फिर्कावारियत फिलिस्तीनी आज़ादी के मुहाज
पर हमारी कमजोरी की एक बहोत बड़ी वजह है.
- हम तमाम मुसलमानों और अरबो
को आवाज़ देते है की वो आज फिलिस्तीनी इन्तिफादा को सपोर्ट करे ताकि हमारे मज़हबी
ताक़द्दुसात की हिफाज़त की जा सके
- स्पीच ख़त्म होती है.